वो एक तारामय रात ता ...
जब वो मिले थे ..
समारोह के लिए खिलना ई -
मुस्कान शेत्रुओं के लिए दो
तो कुछ बाते शुरू हुई और तारे चमकने लगि ..
प्यार खामोश दिल में रास्ता मिल गया
जब वो मिले थे..
वक़्त के साथ साथ ..
समय और दूरी को सहते हुए..
कुछ देर ओर चले ..इस दुनिया से बेखबर ...
पर न ये कुछ कहाँ न उसने..
जब वो मिले थे ..
क्यों की उन्हें डर था
की कहीं वो उन्हें खो न दे ..
बाते थम गयी..दूरियाँ अपने राह बना ली
अब थो न ये आँसू रुकते हैं
न उनकी यादो का सिलसिला ...
जब वो मिले थे..
वे एक आत्मा के रूप में निवास ,
भाग्य को गले लगाते..
पर आज भी वे अपने आप से पूछथे हैं
"काश ..हम अपने दिल की बात केह दी होती थो ..शायद "
आज फिर तेरे याद सहने पड़ेगी
कुछ इस दिल की
कुछ इस अकेलेपन की
कुछ इस अधूरी बातो की...
जब वो मिले थे ..
समारोह के लिए खिलना ई -
मुस्कान शेत्रुओं के लिए दो
तो कुछ बाते शुरू हुई और तारे चमकने लगि ..
प्यार खामोश दिल में रास्ता मिल गया
जब वो मिले थे..
वक़्त के साथ साथ ..
समय और दूरी को सहते हुए..
कुछ देर ओर चले ..इस दुनिया से बेखबर ...
पर न ये कुछ कहाँ न उसने..
जब वो मिले थे ..
क्यों की उन्हें डर था
की कहीं वो उन्हें खो न दे ..
बाते थम गयी..दूरियाँ अपने राह बना ली
अब थो न ये आँसू रुकते हैं
न उनकी यादो का सिलसिला ...
जब वो मिले थे..
वे एक आत्मा के रूप में निवास ,
भाग्य को गले लगाते..
पर आज भी वे अपने आप से पूछथे हैं
"काश ..हम अपने दिल की बात केह दी होती थो ..शायद "
आज फिर तेरे याद सहने पड़ेगी
कुछ इस दिल की
कुछ इस अकेलेपन की
कुछ इस अधूरी बातो की...
0 Wanna say something?:
Post a Comment